आयुर्विज्ञान को प्राणो को बचाने का
विशेष ज्ञान भी कहा जाता है
इसे आयुर्वेद के
नाम से भी जानते है
आयुर्वेद यानि कि प्राणो का वेद इस रूप में भी देखते है हमारे ऋषि मुनियो ने
आचार्यो ने पर्यटन कर ऐसी जड़ी बूटियों को खोज निकाला था जो 64 दिव्य
जड़ी बूटी,वनस्पति है जिनके माध्यम से लगभग सभी बीमारियो को ठीक किया जा सकता है आज भाग दौड़ की जिंदगी में सभी लोग शहरों की ओर भाग रहे है जिसके
जड़ी बूटी,वनस्पति है जिनके माध्यम से लगभग सभी बीमारियो को ठीक किया जा सकता है आज भाग दौड़ की जिंदगी में सभी लोग शहरों की ओर भाग रहे है जिसके
कारण जंगल के जंगल नष्ट होते चले जा रहे है परिणाम स्वरूप हमारी वनस्पतियाँ नष्ट होती जा रही है जिसके कारण बीमारिया बढ़ती ही चली जा रही है क्योकि केमीकली एलोपैथिक चिकित्सा में साइट इफ़ेक्ट बहुत है इसलिए वह इतनी कारगर नहीं है मगर आयुर्वेदिक चिकित्सा के द्वारा रोग को पूर्णता के साथ समाप्त करने की क्षमता है आयुर्वेद के ग्रंथो में 64 दिव्य औषधियों का वर्णन मिलता है मगर प्रामाणिक रूप से इसका ज्ञान
आज बहुत कम वेदाचार्यो को ही है परिणाम स्वरुप एलोपेथिक चिकित्सा की ओर मनुष्य का रुझान बढ़ गया है चारो ओर अस्पतालों और दवाखानो की संख्या में बेहताशा वृद्धि हुई है मानव इस समय नए नए रोगो से पीड़ित है एड्स ,कैंसर ,हृदयरोग,पक्षाघात,चिकनगुनिया,डेंगू और न जाने कौन कौन से नए नए रोगो ने मनुष्य को घेर लिया है जब तक मनुष्य प्रकृति के साथ मिलजुलकर रहता था तब तक उसे बहुत कम रोग थे और प्रकृति से
दूर होने पर नए नए रोगो ने मानव को घेर लिया है अस्पतालों में मरीजों का इतना रुपया खर्च हो जाता है कि कई सालो का एकत्रित किया धन एक ही बार में चला जाता है और आगे का जीवन क़र्ज़ में डूबकर मृत्युतुल्य कष्ट को झेलने के लिए मजबूर हो जाता है वस्तुतः ऐसा जीवन नरक से भी ज्यादा भयावह होता है इसी के दुष्परिणाम आज समाज में आर्थिक संतुलन बिगड़ने लगा है जब व्यक्ति पर धन नहीं होता और उस पर कोई
आपदा आ जाती है तब वह गलत दिशा में मुड़कर गलत कार्य अपना लेता है मुझे ध्यान है आज से चालीस पचास साल पहले पूरे शहर में एक ही अस्पताल हुआ करता था सारे बच्चे घर में ही पैदा हुआ करते थे दाइया बखूबी इस कार्य को अंजाम दिया करती थी मगर डाक्टरों ने ऐसा भूत मानव के मन में घुसा दिया कि आजकल का मानव घबराकर तुरंत अस्पताल जाता है और एक बच्चा पैदा करने में ही पचास ,साठ हजार
रूपये का खर्चा आ जाता है सोचिये कोई बड़ा रोग होने पर क्या स्थिति होगी हम किस ओर जा रहे है आज ये सोचने का भी समय किसी के पास नहीं है कहना गलत नहीं होगा आज का मानव किंकर्तव्य विमूढ़ होकर इधर उधर घूम रहा है उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा कि क्या करू यह स्थिति बहुत ही भयावह है कि पंजाब प्रान्त से एक रेल गाड़ी भरकर रोज कैंसर पीडितो की, दिल्ली इलाज के लिए आती है आज मानव फिर से
आयुर्वेद की ओर ताकने लग गया है वह समझ गया है कि हमारे पूर्वजो की ही विद्या ज्यादा सही थी हमारे आयुर्विज्ञान में बिना चीर फाड़ के ही सभी रोगो का समुचित इलाज संभव है जहा कही टैस्ट इत्यादि की आवश्यकता हो तो एलोपेथिक की सहायता मानव हित में ली जा सकती है हमारे पुराने चिकित्सक तो नाड़ी देखकर ही रोग की शुरआती स्टेज में ही सब कुछ बता देते थे हिमालय की दिव्य औषधियों में से कुछ का वर्णन यहाँ दे रहा हूँ ।
महत्वपूर्ण दिव्य 64 औषधियां -
1 - सोमवल्ली (संजीवनी ) २- तेलियाकंद 3 -आदित्यवर्णी4 -हिरण्यक्षीरा5 -अश्वबला 6-काष्टगौंधा 7-सर्पा 8-पदमा 9-बिखमा 10अजस्रंगी 11 निर्विषी 12अंकोल 13अपराजिता 14अमलतास 15अर्जुन 16अस्थिसंहार 17अजार्क 18-अपामार्ग 19-अजा 20-आक अमरासी 21-आंवला
22-उतरण 23-कंझल इन्द्रायण 24-करंझ 25-कटड 26-कटसरैया 27-कलबत्ता 28-कताद 29-कबर 30-कनकचम्पा 31-कंतुरयून 32-कमरख 33-करवानन्द
34-कमल 35-कलिहारी 36-कलम्बा 37-कस्तूरी
38-केसर 39-कायफल 40-गंधना 41-गिलेमखतून
42-गिलोय 43-पतालगरुणी 44-गुलचाँदी 45-गुग्गल
46-गंधिनो 47-गोरखमुण्डी 48-गोखरू 49-छिरबेल
50-चिरायता 51-जयंती 52-जियापोता 53-जहरत
54-जदवार 55-जीवंती 56-जटामांसी 57-पलाश
58-तेलियाकनंद 59-तुलसी 60-ताम्बूल 61-धतूरा (पीला )62-नीम 63-निर्विषी 64-पीपल
इन 64 दिव्य जड़ी बूटियों के भी प्रकृति ने लाखो वनस्पतियाँ दी है कुछ और
महत्वपूर्ण वनस्पतियाँ नीचे दे रहा हूँ ।
1-नगन्ध 2-नेलम चचेला 3-पद्माक 4-पतालतुम्बी
5-पियारंग 6-पुनर्नवा 7-बिक 8-ब्रह्म मंडुकी 9-ब्राह्मी
10-भंगभवानी 11-मयूरकंद 12-बाघचूड़ा 13-रतनजोत
14-लक्ष्मणा 15-लाजवन्ती 16-लौंग 17-विष्कंडार 18-शिलाजीत 19-सर्पगन्धा 20-शालमपंजा
21-शंखपुष्पी
8 टिप्पणियाँ
Click here for टिप्पणियाँधन्यवाद
Replyधन्यवाद
Replyनाम जानकर अच्छा लगा गुरूजी अधिक जानकारी देते रह ना जयश्रीराम
Replyमैं आगरा से ललित शर्मा बोल रहा हूं मुझे मुझे दिव्य औषधि की खेती करनी है आपसे निवेदन है कि आप मुझे सलाह दें कि मुझे किस जड़ी बूटी की खेती करनी चाहिए जिसमें मुनाफा शादी को डिमांड ज्यादा हो सभी दवाओं में उसका उपयोग हो और कृषि में आसानी से पैदावार हो मेरा फोन और व्हाट्सएप नंबर है 8954444102.
Replyजानकारी देने की कृपा करें.
मैं आगरा से ललित शर्मा बोल रहा हूं मुझे मुझे दिव्य औषधि की खेती करनी है आपसे निवेदन है कि आप मुझे सलाह दें कि मुझे किस जड़ी बूटी की खेती करनी चाहिए जिसमें मुनाफा ज्यादा हो, डिमांड ज्यादा हो, सभी दवाओं में उसका उपयोग हो और कृषि में आसानी से पैदावार हो मेरा फोन और व्हाट्सएप नंबर है 8954444102.
Replyजानकारी देने की कृपा करें.
बहुत बहुत आभार।
Replyहमारी जिज्ञासाओ का उत्तर देने की कृपा बनाये रक्खे ।
Replyआपकी आगामी पोस्ट की प्रतीक्षा में एक जिज्ञासु ,,,आपको सादर प्रणाम।
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